संतोष/संतुष्टि, इस नश्वर जीवन को कम दुखद बनाने के लिए बहुत जरुरी है। सोचता हू की मैं काश किसी जादू से समय के पीछे जा पाता और उन पलो मे वापस जी सकता जिनमे मेने असन्तोष के कारण उन खुबसूरत लम्हो को नही जीया और कुछ ना कुछ पाने और, और की तलाश मे भटकता रहा। काश मे उन पलो मे जाकर वापस जीऊ और सिर्फ जीऊ, इसके अलावा और कुछ ना सोचू तो शायद आज मुझे खेद नही होता जो मुझे मेरे अन्तिम समय तक रहेगा। और मुझे यह भी पता है की मैं या आप इस असन्तोष से कभी नही बच सकते। हम भविष्य नही देख सकते लेकिन भूतकाल देख सकते है अपनी यादो मे, जो सबसे पीड़ादायक है। आखिर हमे संतोष क्यो नही होता? क्यू हम हमेशा कुछ पाने की लालसा मे, वर्तमान मे चल रही अनमोल चीजो को नजरअंदाज कर देते है, जिससे ना हमे संतोष होता है और ना वो पल मिलते है जो हमने गव दिये। जब हम नादान बालक होते है जिस अवस्था मे हमे कोई समझ नही होती उस समय भी हमे संतोष नही होता, जैसे जब कोई बच्चा किसी खिलौने के लिए रोता है जबकि उसके पास पहले से ही अन्य खिलौने होते है लेकिन वह फिर भी रोता है और उसे पाकर ही चुप होता है, इस समय भी वह संतुष्ट होना चहता है लेकिन क्य...
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